सिविल सर्विसेज इंटरव्यू में मेडिकल साइंस के उम्मीदवार सबसे बेहतर,भाषा चयन के मामले में मराठी दूसरे नंबर पर

यूपीएससी सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू शुरू होने वाले हैं। इंटरव्यू के बाद फाइनल रिजल्ट आएगा। इससे पहले भास्कर ने जब परीक्षा के ओवर ऑल रिजल्ट को खंगाला तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यूपीएससी की 2017-18 की रिपोर्ट बताती है कि मार्क्स के लिहाज से भले ही आईआईटियंस सबसे अधिक चुने जाते हैं। लेकिन प्रतिशत के लिहाज से यहां मेडिकल बैकग्राउंड के उम्मीदवार आगे हैं। रिपोर्ट में पाया गया कि इंजीनियरिंग में 1608 उम्मीदवारों में से 654 यानी 40.7 फीसदी ने परीक्षा क्रैक की थी। वहीं मेडिकल साइंस में 248 में से 105 यानी 42.3 % ने एग्जाम पास किया। यानी संख्या में इंजीनियरिंग लेकिन प्रतिशत में मेडिकल कैंडिडेट्स का प्रदर्शन बेहतर था।


ये हैं एग्जाम से जुड़े चार प्रमुख ट्रेंड



  • पर्सनेलिटी टेस्ट के लिए उम्मीदवारों को भाषा का चयन करना होता है। इसमें सबसे अधिक उम्मीदवार हिंदी भाषा को चुनते हैं। साल 2017-18 के पर्सनेलिटी टेस्ट में सबसे अधिक 327 उम्मीदवारों ने हिंदी भाषा में पर्सनेलिटी टेस्ट देने में रुचि दिखाई। इसके बाद 27 ने मराठी, 10 ने तेलुगू और 6 ने तमिल भाषा चुनी।




  • इंटरव्यू क्रैक करने वाले 40.5 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास बैचलर्स व 41.9 प्रतिशत के पास पीजी व हायर डिग्री है। हायर एजुकेशन में प्योर साइंसेज से अधिक सफलता ह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स को मिली है।

  • रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि सामान्य वर्ग में 24 से 26 साल की उम्र के बीच 28.2 पुरुष और 36.8 प्रतिशत महिला कैंडिडेट्स मेन्स को क्रैक करते हैं। वहीं इस आयु में कुल 25.3 प्रतिशत पुरुष व 32.9 प्रतिशत महिला कैंडिडेट्स मेन्स पास करके इंटरव्यू तक पहुंचते हैं। इसके अलावा यह प्रतिशत सभी आयु वर्ग में सबसे अधिक पाया गया।

  • तीसरे अटैम्प्ट के बाद सक्सेस रेट अधिक पाई गई। यूपीएससी रिपोर्ट के अनुसार जनरल कैटेगिरी में 27.63 प्रतिशत उम्मीदवार ही मेंस क्लियर करके आगे बढ़ पाते हैं। पहले अटैम्प्ट में 12.56, दूसरे में 18.72 और चौथे अटैम्प्ट में 19.63 जनरल कैटेगिरी के उम्मीदवार आगे बढ़ पाते हैं।